What is Air quality index – न्यूज़ में या लोगों से इन दिनों वायु, प्रदूषण या प्रदूषित वायु पर चर्चा, बहस, दिल्ली के मुख्यमंत्री का इस्तीफ़ा, यूपी के आठ शहर दुनिया में सबसे ज़हरीली हवा वाले… ये सब आप सुन ही रहे होंगे | हमारी सामान्य समझ में भी यह बात है ही, कि पहले जैसी शुद्ध हवा, साफ़ पानी, बिना केमिकल की फल, सब्जियां अब कहाँ ?
खुलकर सांस लेने के लिए, काम पर बाहर जाने के लिए, आउटडोर एक्टिविटी के लिए हवा का अच्छा होना ज़रूरी है | AIR QUALITY INDEX अलग-अलग देशों में सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रयोग किया जाने वाला पैमाना है जो बताता है किसी स्थान विशेष और उसके आसपास हवा की शुद्धता कितनी है |
ये किसी दिन विशेष के अलावा आने वाले कुछ दिनों में शुद्धता की स्थिति का आकलन भी करता है | आज 8 नवम्बर 2019 को आइसलैंड का AQI 5 है,कनाडा का 17, भारत में मुजफ्फरनगर में ये 30 है तो रतलाम में 65 ( देखने के लिए waqi.info पर जाइए ) दिल्ली का कल 7 नवम्बर सुबह का AQI 307 है, इसके क्या मायने हैं, चलिए समझते हैं |
AIR QUALITY INDEX ( SCALE )
हर देश के अपने पैमाने हैं और भारत में इसे अधिक गंभीरता से लिया गया | IIT कानपुर में मेडिकल प्रोफेशनल्स और एयर क्वालिटी एक्सपर्ट्स ने अध्ययन किया | swachh bharat abhiyan के अंतर्गत 17 सितम्बर 2014 को नई दिल्ली में National Air Quality Index लॉन्च किया गया |
इस पैमाने ( scale ) में
0 – 50 अच्छी
51 -100 संतोषजनक
101 -200 मध्यम प्रदूषित
201 -300 ख़राब
301 -400 बहुत ख़राब
401 -500 गंभीर
चिंताजनक बात ये भी है कि इस ब्लॉग को सुबह 11.30 बजे लिखना शुरू किया गया तब दिल्ली का AQI 307 था, जो कल 7 नवम्बर को दोपहर 3 बजे 435 हो गया है | कनाडा और हॉन्गकॉन्ग में पैमाना 1 से 10 का होता है | जहाँ 8 से 10 बहुत ख़राब है और 10 से अधिक अत्यंत गंभीर स्थिति है |
HOW POLLUTED AIR AFFECTS US
( हवा में ज़हर के क्या होते हैं नुकसान )
सल्फ़र डाई ऑक्साइड (SO2 ), नाइट्रोजन ऑक्साइड ( NO2 ), पार्टिकुलेट मैटर, ग्राउंड लेवल ओज़ोन, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य तत्व हवा को ज़हरीला बनाते जा रहे हैं, जिनसे निम्न समस्याएँ दिख रही हैं या आशंका है की दिख सकती हैं – खांसी,कफ़,साँस लेने में तकलीफ़, गले में जलन, गले में इन्फेक्शन जैसी अनेक समस्याएँ |
अस्थमा या श्वास संबंधित शिकायत वालों के लिए समस्या और भी गंभीर हो जाती है | हाल ही में बांग्लादेश के खिलाड़ियों को भारत में क्रिकेट मैच खेलते हुए प्रदूषण के कारण उल्टी हो गयी |
Solution to control air quality ( उपाय )
कोई 5 साल पहले बीजिंग ( चीन ) में water cannons का इस्तेमाल किया गया जो हवा में 200 फीट तक पानी की बौछार करती थी | इनकी कीमत सवा से डेढ़ लाख डॉलर्स थी | एक शहर में | ऐसा खर्च कई जगह करना पड़ा लेकिन खर्चे से अधिक समस्या ये थी कि इनसे सिर्फ़ कुछ पलों की राहत मिलती थी |
उपाय या निदान तो वही है, जो हम बचपन से पढ़ते आ रहे हैं | जिन कविताओं, पोस्टर्स को बनाकर हम पुरुस्कार जीतते रहे | हमें पहले से ज़्यादा ( मतलब कहीं ज़्यादा मिलियन, बिलियन में ) पेड़ लगाने होंगे | हम factories,cars,ac को बंद नही कर सकते, वो सिर्फ़ चार लोगों की बतोलेबाजी के लिए ठीक है पर प्रैक्टिकल बात ये है कि हम सब चीज़ों को regulate करें, नियंत्रित करें |
क्यूंकि बात सिर्फ़ सह लेने की होती तो हम उसी बेफ़िक्री से जीते, जैसे पहले जीते थे पर हम भारतीयों ( क्यूंकि हम एक बहुत बड़ी आबादी हैं इसीलिए हमारे यहाँ कोई भी समस्या अधिक विकराल बनकर सामने आती है ) को सोचना होगा की इन हालात को कैसे काबू में किया जाए और कैसे सुधार किया जाए | चीज़ों के बेहतर इस्तेमाल के लिए अलग से एक ब्लॉग भी लिखेंगे | कमेंट में आपके सुझावों का भी सदैव स्वागत है |
IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).