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70 के दशक में performance art (और कुछ world’s most daring art भी ) की धीरे-धीरे स्वीकार्यता बढ़ते जा रही थी। कुछ artists पर यह भी आरोप था की वो कला प्रदर्शन ( art performance ) के दौरान अपने शरीर का इस्तेमाल, उत्तेजना पैदा करने के लिए करते हैं ।
वो या तो masochistic हैं, जिन्हें ख़ुद को दर्द देने में मज़ा आता है या फ़िर sensationalist हैं, जो सनसनी पैदा करने वाले art performance देते हैं । प्रायः कुछ सनसनीखेज़ देखते वक़्त दिमाग़ logic और facts पर ध्यान नहीं देता ।
इस आलोचना के जवाब में 1974 में मरीना अब्रमोविक ( Marina Abramović ) ने RHYTHM 0 नामक कला प्रस्तुति ( art performance ) दी। इसे naples ( italy ) के एक studio में perform किया गया। मरीना ने इस प्रस्तुति में 6 घंटे तक ख़ुद को स्थिर अवस्था में रखा और दर्शकों को छूट दी कि वो उनके साथ जो करना चाहें, कर सकते हैं, वो विरोध नहीं करेंगी।
HUMAN DEEP INSIDE : HAPPY OR SAD ?
दर्शकों के इस्तेमाल के लिए कुछ वस्तुएं ( objects ) एक टेबल पर रखी हुई थीं। I ये objects बहुत सोच समझ के रखे गए थे। इनमें से कुछ objects आनंद देने वाले थे तो कुछ ऐसे थे जो दर्द दे सकते थे। कुछ objects ऐसे थे, जो जान भी ले सकते थे । टेबल पर रखी 72 वस्तुओं में गुलाब, पंख, अंगूर, शहद, कोड़ा, चाकू, गन और बुलेट तक थी ।

विकसित शहर, विकसित देश में रहने वाले ‘विकसित’ और ‘सभ्य’ लोग क्या करेंगे ? क्या इनमें ऐसा भी कोई हो सकता है जो मरीना को दर्द दे या नुकसान पहुंचाए ?
शुरुआत में केवल photographers उनकी तस्वीर लेते रहे, कुछ लोगों ने उनके हाथ को हिलाया डुलाया, कुछ लोगों ने उठा कर उन्हें दूसरे स्थान पर रख दिया । फिर किसी ने सिर पर पानी डाला, किसी ने रस्सी से बांध दिया ।
लेकिन जैसे -जैसे समय बीतता गया, लोग aggressive होने लगे ( वही लोग, जो artists पर aggressive होने का आरोप लगाते हैं ) किसी ने उन्हें ब्लेड से काटा, कपड़े उतार दिए, किसी ने छुआ, एक व्यक्ति ने उन्हें कट लगाकर उनका खून चूसा और एक दर्शक ने पिस्तौल भी तान दी ।
मरीना अपने इस performance के लिए इतनी समर्पित थी कि वो पिस्तौल देखकर भी नहीं हिली। मरीना ने कभी इनमे से किसी का भी बुरा नही किया था । प्रस्तुति के अंत मे वो हर एक शख़्स के पास जाकर, उनकी आंखों में आंखें डालकर देखती हैं ।
जब मरीना एक-एक करके उन लोगों के सामने जाती हैं, जो कुछ देर पहले उनका रेप करने या उनकी जान लेने तक को तैयार थे, अब वो उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहे। चंद मिनटों में हॉल ख़ाली हो जाता है।
HUMAN NATURE
मरीना लोगों को उनके अंदर का “हैवान” दिखाती हैं । मरीना बताती हैं कि इंसानों की सबसे बड़ी बुराई ये है, कि वो प्रतिरोध न देखकर, किसी को कमज़ोर पाकर राक्षस बनने में ज़रा भी देर नहीं लगाता । मरीना के इस प्रयोग को, मानव व्यवहार ( human nature ) की गहरे जाकर पड़ताल करने वाले ‘महानतम और साहसी प्रयोग’ ( great and daring experiment ) में शुमार किया जाता है।
Marina Abramović के अपने शब्दों में “मेरी हमेशा आलोचना होती थी कि मैं अपने art performance में ‘अति’ कर देती हूँ। मैं देखना चाहती थी कि अगर मैं कुछ न करूँ, विरोध न करूँ तो दर्शक ( या पब्लिक ) क्या क्या कर सकते हैं। इसीलिए अब मैं यहाँ हूँ ,वो मेरे साथ जो चाहे कर सकते हैं। मैने उस दिन नर्क ( hell ) महसूस कर लिया।”
ये हम ( समाज ) ही है जो शोषण करता है, बलात्कार करता है, क़त्ल करता है, एक्सीडेंट करके भाग जाता है । घायलों का वीडियो बनाता है, पैसे और पोज़ीशन का दुरुपयोग करता है, लोगों की कमियों पर हंसता है पर ख़ुद अपने भीतर झाँक कर नहीं देखता।
IMROZ FARHAD
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IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).