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Reading Comprehension, इसका मतलब होता है ; शब्दों को पढ़ना, अर्थ समझना और जो knowledge हमें पहले से है उसके साथ उसे connect करना।
READER
एक average reader एक मिनट में 200-250 words per minute ( wpm) पढ़ते हैं। बहुत से लोग 400 शब्द प्रति मिनट भी पढ़ लेते हैं। तेज़ गति से पढ़ने में comprehension ( पढ़े हुए paragraph को समझना ) भी बहुत अहम है। अमेरिकन प्रेसिडेंट John F Kennedy एक मिनट में 1200 शब्द तक पढ़ लेते थे। Swami Vivekananada न सिर्फ़ बहुत तेज़ पढ़ने की क्षमता रखते थे बल्कि अकल्पनीय रूप से उसे याद भी कर लेते थे। संभवतः उनके पास सचमुच की “photographic memory” थी।
इस ब्लॉग के लेखक ने ख़ुद की स्पीड भी चेक की जो अच्छे comprehension के साथ 580 -600 शब्द प्रति मिनट तक है। मै अपनी इस क्षमता पर इतराने ही वाला था कि मुझे पता चला 6 बार वर्ल्ड champion रहीं ANNE JONES एक मिनट में 4251 शब्द पढ़ लेतीं हैं।
और Howard Stephen Berg के बारे में आप क्या कहेंगे। इस Guinness World Record holder के बारे में दावा किया जाता है कि वो 25,000 words शब्द प्रति मिनट पढ़ लेते हैं। Isn’t that faster than the fast ?
A SECOND FAST | ज़रा तेज़ |
एन रघुरामन सर का ये किस्सा मुझे याद है जो मैने कहीं पढ़ा था। मुंबई से भोपाल की फ्लाइट में साथ बैठी युवती के मोबाइल में न चाहते हुए भी नज़र पड़ गयी।
किसी ने उसे मैसेज किया था “भोपाल आते ही मै आपको massage कर दूंगा। मै इस पर उसकी प्रतिक्रिया देखना चाह रहा था पर युवती एकदम सामान्य थी। उसने reply किया “मुझे आपके massage का इंतजार रहेगा। मुझे अब उस युवती की शिक्षा पर क्रोध आ रहा था पर मैंने खुद को संयत किया.
10 वर्षो तक चले अध्ययन से ये पता चला है की शिक्षित लोग,अशिक्षित की तुलना में और पढ़ने का शौक रखने वाले न पढ़ने वालों की तुलना में ‘एक सेकंड तेज़’ होते हैं। वो तेज़ी से शब्द पकड़ सकते है और परिस्तिथियां भी जल्दी समझ लेते हैं। ये तब बहुत मायने रखता है जब पूरा मामला ही एक दो सेकंड का हो। जैसे कि इन दिनों job हासिल करने के लिए competitive exams में होता है।
युवती का सामना अच्छी english से संभवतः कम पड़ता हो तभी वो ऐसी चूक कर रही थी। message शब्द को massage लिखने की गलती आप किसी पढ़ने के शौकीन व्यक्ति के साथ नहीं कर सकते। पढ़ते रहने से आप के दिमाग की वायरिंग बेहतर बनी रहती है।

Dunning-Kruger effect | psychological effect |
ज़्यादा पढ़ने, ज़्यादा सीखने और ज़्यादा जानने से क्या आपको रोकता है ? इसका जवाब जानने के लिए हमे psychologist David Dunning और Justin Kruger की लैब में चलना होगा। तो अब ये समझिए कि “समझ के फ़ेर” का मनोविज्ञान क्या है। इस रोचक प्रभाव ( effect ) को कहा जाता है Dunning-Kruger effect.
अध्ययन और प्रयोगों से पता चला है कि cognitive bias (संज्ञानात्मक पक्षपात) का एक प्रकार है ( मतलब पक्षपात या bias का एक प्रकार है ) जिसमें लोगों को लगने लगता है कि वो अपनी क्षमता से कहीं ज्यादा समर्थ और smart हैं। ऐसे लोगों में self awareness बहुत ही कम होती है। इसके कारण वो अपनी वास्तविक क्षमताओं ( real abilities ) का अंदाज़ा नहीं लगा पाते हैं ।
इस इफेक्ट से ग्रस्त, अक्षम लोग-
अपनी ग़लतियों को पहचान नहीं पाते हैं।
अपनी skills को ज़्यादा समझने की भूल करते हैं।
दूसरों की क्षमताओं ( abilities ) का आकलन नहीं कर पाते हैं ।
तो कभी भी पढ़ना,जानना और सीखना बंद मत कीजिए ।
अगर इस पूरे ब्लॉग को आपने 2 मिनट या उससे कम समय में पढ़ लिया है तो आप एक fast reader हैं। अगर आपने पहली बार में ही इसे पढ़ के 70 -80% समझ लिया तो आप कमाल हैं। अगर 3 या 3.5 मिनट में एक बार में इसे पढ़कर आपने 100 % समझ लिया तो आप वही शख़्स हैं जिसकी मै बात कर रहा हूँ ।जिसकी तारीफ़ के लिए मेरे पास शब्द नहीं।
अगर आप fast reader नहीं भी हैं, तो भी दिल छोटा करने जैसी कोई बात नहीं। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना ये बताता है कि आप reader ज़रूर हैं। fast reader कैसे बन सकते हैं ? speed reading क्या है ? जानेंगे सब next blog में। keep reading neeroz
IMROZ FARHAD
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IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).