वैश्विक आपदा ( Pandemic ) के इस अत्यंत संकटपूर्ण समय में जिस तरह हमारी पुलिस, सेना और स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर, परिवार से दूर रहकर जनसेवा और राष्ट्रसेवा कर रहे हैं, समूचा राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा। मेरी ये कविता COVID WARRIORS को समर्पित है।
हमने सुना था,
बचपन में हम जब भी बड़ी गलती कर जाते थे
या जिद पर अपनी अड़ जाते थे
अम्मी कहती थी
पुलिस तुझे ले जाएगी
डंडे चार लगाएगी |
हमने सुना था,
जब मौसम में सर्दी हो जाती थी
और बुखार से तपती छाती थी
बहन चिढ़ाती थी
अब डॉक्टर के पास ले जायेंगे
और सुई इसे लगाएंगे |
हम सोचते थे डॉक्टर
गंदे होते हैं
कितनी पीड़ा देते हैं
कड़वी दवाई देते हैं
क्यों नहीं ये
कोई मीठा उपाय देते हैं |
हम बड़े हुए
हमने जाना
हमारे ना चाहने से
पुलिस नहीं आती है
वो आती है
वो अपना फर्ज निभाती है |
अब हमारी हर गलती
उनके डंडों के सामने
बहुत छोटी है |
हम बड़े हुए,
हमने जाना
डॉक्टर पीड़ा नहीं देते
पीड़ा हरते है
सुई का दर्द तो
मिनटों में चला जाता है,
विदा हुए प्रियजन
को कोई जीवन भर
नहीं भूल पाता है |
- इमरोज़ ‘फ़रहाद’
COVID 19 WARRIORS
COVID 19 WARRIORS किस तरह हर समय आपकी हमारी सहायता कर रहे हैं, ये जानने के लिए आप government की इस site को visit कर सकते हैं।
IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).