“हम उस भविष्य के लिए पढ़ाई क्यूँ करें जो भविष्य हमसे छीना जा रहा है”, क्या आपने हाल ही में टीवी या इन्टरनेट पर ये शब्द सुनें ? अगर नहीं तो आपने इस दौर की एक सबसे क्रांतिकारी speech को नहीं सुना | 16 साल की भोली सी सूरत वाली एक टीनएजर पूरी दुनिया में बदलते पर्यावरण के विरोध में चल रही विश्वव्यापी मुहीम का चेहरा बन गयी है | 2019 में हुए दो विरोध प्रदर्शनों में ग्रेटा के समर्थन में दुनिया के कई शहरों के करीब 20 लाख लोग सडकों पर उतर आए |
कौन है greta thunberg ?
यूरोप महाद्वीप के देश स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में रहने वाली 16 साल की ग्रेटा स्कूल स्टूडेंट हैं | लेकिन अपने उम्र के टीनएजर्स से जुदा ग्रेटा एक बहुत गम्भीर,संवेदनशील इन्सान हैं जो पर्यावरण और विश्व के प्रति चिंतित रहती हैं | ग्रेटा अब पूरे विश्व में स्वीडिश एन्वायरमेंट एक्टिविस्ट के रूप में जानी जा रही हैं | विश्व की सबसे प्रतिष्ठित मैगज़ीन TIME ने अपने कवर पेज में उन्हें “नेक्स्ट जनरेशन लीडर” कहा है |
शुरुआत हुई एक essay ( निबंध ) से
क्लाइमेट चेंज के लिए चल रही अंतर्राष्ट्रीय मुहीम की बागडोर छोटी सी उम्र में संभालने वाली ग्रेटा के इस सफ़र की शुरुआत मई 2018 में क्लाइमेट चेंज पर आयोजित एक निबन्ध प्रतियोगिता को जीतकर की | एक स्वीडिश अख़बार की इस प्रतियोगिता में ग्रेटा ने लिखा “मै सुरक्षित महसूस करना चाहती हूँ. मै सुरक्षित कैसे महसूस कर सकती हूँ जबकि मै यह जानती हूँ की हम मानव इतिहास के सबसे बड़े संकट में हैं |”
स्कूल से संसद तक ( from school to parliament )
स्कूल में पढ़ने वाली ग्रेटा ने 20 अगस्त 2018 को ये फैसला किया की वो स्कूल नहीं जाएंगी और तीन हफ्तों तक हर दिन स्कूल के समय में वो स्वीडन की संसद के बाहर अपना विरोध प्रदर्शन करने लगीं | उनके हाथ में एक तख्ती होती थी जिस पर लिखा होता था ‘पर्यावरण के लिए स्कूल स्ट्राइक’ |
परिवार का साथ
कठोर, चुभने वाले लफ्जों में अपनी बात कहने वाली ग्रेटा की ये यात्रा न आसान है और न ही ये कहना गलत होगा कि इस अत्यंत साहसी निर्णय के पीछे उनके अभिभावकों के प्रेरणा है | ग्रेटा के पिता स्वांत थन्बर्ग एक लेखक और आर्ट्स मेनेजर हैं जबकि ग्रेटा की माँ मलेना थन्बर्ग ओपेरा सिंगर हैं | परिवार की आइडियोलॉजी का ग्रेटा पर प्रभाव साफ़ देखा जा सकता है और इस मुहीम में थ्न्बर्ग परिवार ने कई कुर्बानियां दी हैं | ग्रेटा ने अपने परिवार को राज़ी किया कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए हर व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने होंगे और हम इसकी शुरुआत अपने घर से करेंगे | थन्बर्ग परिवार हवाई यात्रा नहीं करता ( वो बोट का इस्तेमाल करते हैं, ग्रेटा ने NEWYORK तक का सफ़र बोट से ही किया ) और मांसाहार को भी त्याग चुका है |
वर्ल्ड लीडर्स को दो टूक सुनाने का साहस
ग्रेटा 2018 में यूनाइटेड नेशंस क्लाइमेट चेंज कांफ्रेंस को सम्बोधित कर चुकी हैं | 2019 के यूनाइटेड नेशन क्लाइमेट समिट में भी ग्रेटा ने कठोर और साफ़ शब्दों में वर्ल्ड लीडर्स से सवाल किया, उन्होंने कहा “how dare you? how dare you spoil our future”
greta हैं भविष्य की नेता ( next generation leader )
TIME मैगज़ीन ने अपने कवर पेज में उन्हें “नेक्स्ट जनरेशन लीडर” कहा है तो निश्चित ही ये greta के विश्व पर दिखाई दे रहे प्रभाव को स्पष्ट करता है | वो noble peace prize की सबसे प्रबल दावेदार हैं | 16 साल की ये शांत मगर गंभीर और मज़बूत इरादों वाली लड़की निश्चित की क्लाइमेट चेंज के प्रति चिंतित और सकारात्मक परिवर्तन की छह रखने वाले लोगों विशेष रूप से युवाओं और बच्चों की वैश्विक प्रतिनिधि बन चुकी है और आशा ही नही विश्वास है की वो बदलाव लाएंगी |
IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).