अगला भारत रत्न किसे मिलेगा ये तो मुझे नहीं पता पर इंडिया के इस highest civilion honour की शुरुआत और इतिहास पर ज़रूर हमें कुछ तथ्य मालूम होने चाहिए | भारत रत्न, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है | भारत चूँकि एक उपमहाद्वीप है,ऐसा जिसकी विवधता किसी को भी चकित कर दे | ऐसे देश में सर्वोच्च नागरिक पुरुस्कार जिन विभूतियों को मिला है सिर्फ़ उनके नामों की सूची अगर कोई पढ़ ले ( कामों की सूची बनाने के लिए तो जाने कितनी किताबें और संकलन PUBLISH करने पड़ेंगे ) तो जान पाएगा की भारत अद्भुत लोगों का देश है | भारत रत्न भारतीयों को दिया जाने वाला सम्मान है लेकिन अगर 1954 से अब तक सम्मानित विभूतियों के नाम पर विचार करें, तो मालूम होगा कि इन्होने सिर्फ़ भारत को नहीं पूरी दुनिया को प्रभावित किया है | उनका आदर, उनकी चर्चा पूरे विश्व में होती है |
भारत रत्न ( BHARAT RATNA ) : निर्माण और विशेषताएँ
पहला डिज़ायन एक गोलाकार पदक था | 35 मिलिमीटर व्यास वाला एक गोलाकार स्वर्ण पदक, जिस पर सूर्य और ऊपर हिन्दी भाषा में ”भारत रत्न” अंकित होता था तथा नीचे एक फूलों का गुलदस्ता बना होता था | इस पदक में पीछे की ओर शासकीय संकेत और आदर्श-वाक्य लिखा होता है। सफेद फीते में डालकर इसे गले में पहनाया जाता है। केवल एक वर्ष ही हुआ था और इस डिजाइन को बदल दिया गया । उसके बाद से दिए जाने वाला भारत रत्न पीपल के पत्ते के आकार का होता है | धातु के इस 59 मिमी लम्बे पत्ते पर प्लैटिनम का सूर्य बना होता है जिससे किरणें निकलती हुई होती हैं | नीचे देवनागरी लिपि में “भारत रत्न” लिखा हुआ होता है | पार्श्व में भारत का राजचिन्ह ( national emblem of india ) बना होता है | इन पदकों को ALIPORE MINT में बनाया जाता है
विविध क्षेत्रों के विशिष्ट व्यक्तियों के सम्मान की परंपरा
1954 में स्वतंत्र भारत के एकमात्र और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी को प्रथम रत्न दिया गया | इसी वर्ष भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और विश्वविख्यात नोबल पुरुस्कार विजेता भौतिकविद् सी वी रमण को भी सम्मानित किया गया | एक बार में अधिकतम तीन विभूतियों को ही यह सम्मान दिया जा सकता है | यद्यपि हर वर्ष यह दिया जाए यह अनिवार्य नही | केवल भारतीय को यह सम्मान दिया जाए ऐसी भी कोई अनिवार्यता नहीं |
1966 में सर्वप्रिय इंडिपेंडेंस एक्टिविस्ट और प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को यह सम्मान दिया गया | ‘IRON LADY’ इंदिरा गाँधी 1971 में भारत रत्न से सम्मानित हुईं | बी आर अम्बेडकर जैसे सोशल रिफॉर्मर, नेल्सन मंडेला जैसे विदेशी भूमि के व्यक्ति को, लाखों युवाओं के प्रेरणास्रोत मिसाइलमैन डॉ कलाम को, स्वर सम्राज्ञी, स्वर कोकिला लता मंगेशकर को, आप भारत की विविध क्षेत्रों की प्रतिभाओं पर विचार करते करते थक जाएँगे |
भारत रत्न ( bharat ratna ) : विशेष क्षेत्र से लेकर हर क्षेत्र में योगदान को लेकर
1954 के रेगुलेशन के मुताबिक़ ये सम्मान केवल कला,साहित्य,विज्ञानं और लोक सेवा के क्षेत्र में दिया जा सकता था | दिसम्बर 2011 में हुए संशोधन के बाद इसे मानव विकास के क्रम में किए गए किसी भी प्रयास के संबंध में किसी भी व्यक्ति को दिया जा सकता है | 2014 में महान क्रिकेटर सचिन को भारत रत्न दिया गया जिसने खेलों को भारत में और भी अधिक महत्त्व के क्षेत्रों की श्रेणी में ला दिया |
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को जब भारत रत्न ( मरणोपरांत ) दिए जाने का निर्णय लिया गया तो एक PIL दाख़िल की गई | याचिकाकर्ता का तर्क था की जब भारत सरकार ने औपचारिक रूप से कभी उन्हें मृत स्वीकार नही किया तो मरणोपरांत श्रेणी में सम्मान कैसे ? हालाँकि नेताजी के परिवार ने सम्मान लेने के लिए कभी अपनी असहमति या अस्वीकृति प्रकट नहीं की | इन तमाम राजनीतिक या व्यक्ति विशेष की रुचि के बाद भी भारत रत्न नस्ल, पेशा, पद और लिंग का भेदभाव किए बिना किसी क्षेत्र विशेष में अविस्मरणीय योगदान देने वाले व्यक्ति को दिया जाता है | भारत महान में ये परंपरा जारी रहेगी, हम आश्वस्त हैं |
IMROZ FARHAD NOOR is a co-founder and chief blogger of NEEROZ. He studied English Literature and Journalism. A number of articles, stories, short stories, poems have been published in reputed magazines and newspapers. He writes scripts for short movies, web series. He has been a radio announcer.He loves to read Psychology and Philosophy. He spends his spare time in drawing and playing basketball. He loves to travel. He speaks Hindi, English, and Urdu. ( learning Spanish ).